उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना( Kanya Sumangala Yojana 2025) बेटियों के जन्म से लेकर उनकी शिक्षा और स्वास्थ्य तक का पूरा ध्यान रखती है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य लड़कियों के प्रति समाज में फैली गलत धारणाओं को बदलना, बालिका शिशु मृत्यु दर को कम करना और बेटियों के भविष्य को सुरक्षित बनाना है। यह योजना गरीब परिवारों की बेटियों को आर्थिक सहायता प्रदान करके उन्हें समाज में सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर देती है। मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना (MKSY) उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 1 अप्रैल 2019 को शुरू की गई एक प्रगतिशील पहल है, जिसका उद्देश्य बालिकाओं के जन्म, शिक्षा और स्वास्थ्य को बढ़ावा देना है। यह योजना “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” अभियान को मजबूती देने के लिए डिज़ाइन की गई है और इसमें बेटियों को जन्म से लेकर उच्च शिक्षा तक विभिन्न चरणों में वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। 2024-25 में इस योजना की कुल धनराशि को ₹15,000 से बढ़ाकर ₹25,000 कर दिया गया है।

कन्या सुमंगला योजना के प्रमुख उद्देश्य
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लिंगानुपात में सुधार: कन्या भ्रूण हत्या और लिंग-आधारित भेदभाव को कम करना।
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शिक्षा को बढ़ावा: बालिकाओं की स्कूली शिक्षा और उच्च शिक्षा के लिए प्रोत्साहन।
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स्वास्थ्य सुरक्षा: टीकाकरण और नवजात देखभाल को सुनिश्चित करना।
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आर्थिक सशक्तिकरण: गरीब परिवारों को बेटियों के पालन-पोषण में आर्थिक मदद प्रदान करना।
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सामाजिक परिवर्तन: बेटियों के प्रति समाज की मानसिकता को सकारात्मक बनाना।
कन्या सुमंगला योजना योजना के मुख्य लाभ
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आर्थिक सहायता – योजना के तहत बेटी के जन्म से लेकर उसकी उच्च शिक्षा तक अलग-अलग चरणों में आर्थिक सहायता दी जाती है।
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शिक्षा प्रोत्साहन – बेटी की स्कूली शिक्षा और कॉलेज की पढ़ाई के लिए आर्थिक मदद मिलती है।
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स्वास्थ्य सुरक्षा – गर्भवती महिलाओं और नवजात बेटियों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए सुविधाएँ प्रदान की जाती हैं।
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लिंगानुपात में सुधार – बेटियों के प्रति जागरूकता बढ़ाकर लिंगानुपात को संतुलित करने में मदद मिलती है।
योजना के तहत बालिकाओं को 6 चरणों में कुल ₹25,000 की वित्तीय सहायता दी जाती है:
चरण | माइलस्टोन | राशि (₹) |
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प्रथम चरण | बालिका का जन्म (1 अप्रैल 2019 या बाद) | 5,000 |
द्वितीय चरण | 1 वर्ष के भीतर पूर्ण टीकाकरण | 2,000 |
तृतीय चरण | कक्षा 1 में प्रवेश | 3,000 |
चतुर्थ चरण | कक्षा 6 में प्रवेश | 3,000 |
पंचम चरण | कक्षा 9 में प्रवेश | 5,000 |
षष्ठम चरण | 12वीं पास करने के बाद ग्रेजुएशन/डिप्लोमा में प्रवेश | 7,000 |
नोट: धनराशि सीधे लाभार्थी के बैंक खाते (या माता-पिता के खाते) में PFMS के माध्यम से ट्रांसफर की जाती है।
पात्रता मानदंड
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निवास: आवेदक उत्तर प्रदेश का स्थायी निवासी होना चाहिए।
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आय सीमा: परिवार की वार्षिक आय ₹3 लाख से अधिक नहीं होनी चाहिए।
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बच्चों की संख्या: एक परिवार में अधिकतम 2 बच्चे (जुड़वाँ बच्चों की स्थिति में 3)।
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आयु सीमा: बालिका का जन्म 1 अप्रैल 2019 या उसके बाद हुआ हो 510।
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विशेष प्रावधान: गोद ली गई बालिकाएँ भी पात्र हैं, लेकिन एक परिवार में अधिकतम 2 बालिकाएँ ही लाभ ले सकती हैं।
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योजना का लाभ उठाने के लिए परिवार की वार्षिक आय ₹3 लाख से कम होनी चाहिए।
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आवेदक उत्तर प्रदेश का स्थायी निवासी होना चाहिए।
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बेटी का जन्म प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, माता-पिता का आय प्रमाण पत्र और बैंक खाता विवरण जरूरी है।
आवेदन प्रक्रिया
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ऑनलाइन आवेदन:
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आधिकारिक वेबसाइट mksy.up.gov.in पर जाएँ।
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“नया उपयोगकर्ता पंजीकरण” पर क्लिक करें और मोबाइल नंबर व OTP के साथ लॉगिन करें।
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बालिका और परिवार का विवरण भरें तथा आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें 37।
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ऑफलाइन आवेदन:
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जिला प्रोबेशन अधिकारी या महिला कल्याण केंद्र से फॉर्म प्राप्त करें।
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भरे हुए फॉर्म को संबंधित कार्यालय में जमा करें।
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आवश्यक दस्तावेज
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बालिका का जन्म प्रमाण पत्र
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आधार कार्ड (बालिका और माता-पिता का)
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निवास प्रमाण (राशन कार्ड/वोटर आईडी)
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बैंक खाता विवरण
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आय प्रमाण पत्र
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स्कूल प्रवेश की रसीद (शैक्षणिक चरणों के लिए)
योजना की विशेषताएँ
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मिशन शक्ति से जुड़ाव: यह योजना उत्तर प्रदेश सरकार के “मिशन शक्ति 5.0” का हिस्सा है, जिसका लक्ष्य महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण है।
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पारदर्शिता: धनराशि सीधे बैंक खातों में ट्रांसफर की जाती है, जिससे भ्रष्टाचार की संभावना कम होती है।
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लाभार्थियों की संख्या: 2024 तक लगभग 10 लाख परिवारों को इस योजना का लाभ मिल चुका है।
निष्कर्ष
मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना न केवल बेटियों के भविष्य को सुरक्षित करती है, बल्कि समाज में उनके मूल्य को भी रेखांकित करती है। यह योजना गरीब परिवारों के लिए एक वरदान है, जो बेटियों की शिक्षा और स्वास्थ्य पर खर्च करने में सहायता प्रदान करती है। सुमंगला योजना न केवल बेटियों को आर्थिक सहायता प्रदान करती है, बल्कि समाज में उनके महत्व को भी रेखांकित करती है। इस योजना के माध्यम से सरकार बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ के संदेश को साकार कर रही है। यदि आप इस योजना के पात्र हैं, तो आवेदन करके अपनी बेटी के भविष्य को सुरक्षित करें।
मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना से जुड़े अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
1. मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना क्या है?
यह उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा बालिकाओं के जन्म, शिक्षा और स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई एक योजना है। इसमें बेटियों को जन्म से लेकर उच्च शिक्षा तक विभिन्न चरणों में वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
2. इस योजना का मुख्य उद्देश्य क्या है?
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बेटियों के प्रति सामाजिक सोच को बदलना।
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बालिका शिक्षा को प्रोत्साहित करना।
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कन्या भ्रूण हत्या और लिंगानुपात असंतुलन को कम करना।
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गरीब परिवारों को बेटियों के पालन-पोषण में आर्थिक मदद देना।
3. योजना के तहत कितनी धनराशि मिलती है?
बालिका को 6 चरणों में कुल ₹25,000 मिलते हैं:
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जन्म पर: ₹5,000
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1 वर्ष में पूर्ण टीकाकरण पर: ₹2,000
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कक्षा 1 में प्रवेश पर: ₹3,000
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कक्षा 6 में प्रवेश पर: ₹3,000
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कक्षा 9 में प्रवेश पर: ₹5,000
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12वीं पास करने के बाद ग्रेजुएशन/डिप्लोमा में प्रवेश पर: ₹7,000
4. योजना के लिए पात्रता क्या है?
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बालिका का जन्म 1 अप्रैल 2019 या बाद में हुआ हो।
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परिवार की वार्षिक आय ₹3 लाख से कम हो।
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एक परिवार में अधिकतम 2 बालिकाएँ ही लाभ ले सकती हैं (जुड़वाँ बच्चों की स्थिति में 3)।
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आवेदक उत्तर प्रदेश का स्थायी निवासी होना चाहिए।
5. क्या गोद ली हुई बेटी भी इस योजना का लाभ ले सकती है?
हाँ, गोद ली गई बालिकाएँ भी पात्र हैं, लेकिन परिवार में अधिकतम 2 बालिकाएँ ही लाभ ले सकती हैं।
6. आवेदन कैसे करें?
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ऑनलाइन: https://mksy.up.gov.in पर जाकर आवेदन करें।
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ऑफलाइन: जिला प्रोबेशन अधिकारी या महिला कल्याण केंद्र से फॉर्म लेकर जमा करें।
7. आवेदन के लिए कौन-कौन से दस्तावेज चाहिए?
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बालिका का जन्म प्रमाण पत्र
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माता-पिता का आधार कार्ड
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आय प्रमाण पत्र
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बैंक खाता विवरण
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निवास प्रमाण (राशन कार्ड/वोटर आईडी)
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स्कूल प्रवेश की रसीद (शैक्षणिक चरणों के लिए)
8. धनराशि कैसे मिलेगी?
धनराशि सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में PFMS (Public Financial Management System) के माध्यम से ट्रांसफर की जाएगी।
9. क्या योजना का लाभ लेने के लिए बालिका का सरकारी स्कूल में पढ़ना जरूरी है?
नहीं, यह योजना सरकारी और प्राइवेट दोनों स्कूलों में पढ़ने वाली बालिकाओं के लिए है।
10. अगर एक परिवार में दो बेटियाँ हैं, तो क्या दोनों को लाभ मिलेगा?
हाँ, लेकिन अधिकतम 2 बालिकाएँ ही लाभ ले सकती हैं।
11. यदि बालिका का टीकाकरण नहीं हुआ है, तो क्या वह योजना का लाभ ले सकती है?
नहीं, पूर्ण टीकाकरण होना अनिवार्य है, अन्यथा दूसरे चरण की राशि नहीं मिलेगी।
12. आवेदन की स्थिति कैसे चेक करें?
आधिकारिक वेबसाइट mksy.up.gov.in पर “आवेदन स्थिति” विकल्प पर क्लिक करके एप्लीकेशन नंबर या आधार नंबर से ट्रैक कर सकते हैं।
13. क्या योजना का लाभ अन्य सरकारी योजनाओं के साथ मिल सकता है?
हाँ, यह योजना सुकन्या समृद्धि योजना या अन्य कल्याणकारी योजनाओं के साथ ली जा सकती है।
14. यदि आवेदन रिजेक्ट हो जाए तो क्या करें?
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आवेदन में दी गई जानकारी को दोबारा चेक करें।
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संबंधित जिला अधिकारी से संपर्क करके अपील करें।
15. योजना से संबंधित शिकायत कहाँ दर्ज करें?
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हेल्पलाइन नंबर: 1800-180-5145
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ईमेल: [email protected]
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जिला महिला कल्याण अधिकारी से संपर्क करें।